tag:blogger.com,1999:blog-7324516831719480797.post8105700760577058868..comments2023-06-01T03:17:55.369-07:00Comments on जिन खोजा तिन पाइयां: केदारनाथ सिंह की कवितारंजना अरगडेhttp://www.blogger.com/profile/01322221274177285891noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-7324516831719480797.post-60730703726213636602014-10-29T18:03:14.944-07:002014-10-29T18:03:14.944-07:00सबसे पहली बात तो मैं आपसे यह कहूंगी कि आप जब तक इस...सबसे पहली बात तो मैं आपसे यह कहूंगी कि आप जब तक इस भार को ले कर चलेंगे कि मुझे पढ़ाना पड़ रहा है- किसी भी तरह का दिशा दर्शन आपके काम नहीं आएगा। रहा सवाल इन कविताओं का, जिनके विषय में आपने पूछा है , तो चूंकि आप विज्ञान के विद्यार्थी रहे हैं आपको किसी इतिहास की पुस्तक में इनके बारे में तथ्यात्मक जानकरी हासिल कर लेनी चाहिए। मसलन, प्रसाद, पंत और निराला के विषय में, फिर आपको छायावाद पर पढ़ लेना चाहिए, क्योंकि तीनों कवि छायावादी है। इसके बाद आपको-1- कमायनी महाकाव्य का परिचय ले लेना चाहिए और फिर श्रद्धा सर्ग का अध्ययन करना चाहिए। 2-3 अन्य दो कविताओं के लिए मेरा निर्देश है कि कविताएं कई कई बार पढ़नी चाहिए और जहाँ से आपके लिए उसका अर्थ खुलता है आप उसे समझने के लिए आरंभ करें। कविताएं लोगों की तरह होती हैं, आपको उन्हें समझने के लिए कई बार मिलना, बातचीत करना पड़ता है। कविताओं से दोस्ती करें, तो कविताएं अपना राज़ खोलती हैं। कामायनी पर विश्वमभर मानव की एक छोटी -सी टीका है, निराला पर रामविलास शर्मा तथा पंत पर नंददुलारे वाजपेयी की पुस्तक है। दूधनाथ सिंह के संकलन तारापथ की भूमिका भी आप देख सकते हैं। रंजना अरगडेhttps://www.blogger.com/profile/01322221274177285891noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7324516831719480797.post-59412651575761504422014-09-27T02:37:33.760-07:002014-09-27T02:37:33.760-07:00आदरणीय रंजना जी ,
सादर नमस्कार ।
मै...आदरणीय रंजना जी ,<br /> सादर नमस्कार ।<br /> मै उत्कर्ष सिंह उत्तर प्रदेश के अनाम से जिले , क्षमा कीजिएगा आप से अपने जनपद को अनाम कहना उपयुक्त न होगा , जायसी, पं. रामनरेश त्रिपाठी , त्रिलोचन ,मजरुह आदि साहित्यजीवियों के जनपद सुल्तानपुर का एक नवप्रवेशी माध्यमिक अध्यापक हूँ ।<br />मेरा मूल विषय सामाजिक विज्ञान है परन्तु परिस्थितिवश मुझे हिन्दी साहित्य भी पढाना पड रहा है । इस सन्दर्भ में आप कुछ दिशा निर्देशन दें सकें तो अत्यंत आभारी रहूँगा विशेष रूप से प्रसाद (श्रद्धा सर्ग -कामायनी) निराला ( बादल राग -२ तथा संध्या सुंदरी ) तथा पंत ( नौका विहार , परिवर्तन, बापू के प्रति ) के विषय में । <br /> सभार<br /> उत्कर्ष सिंहउत्कर्ष सिंहhttps://www.blogger.com/profile/10298460022353686089noreply@blogger.com