जिन खोजा तिन पाइयां

इस ब्लॉग में विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं के उत्तर देने की कोशिश की जाएगी। हिन्दी साहित्य से जुड़े कोर्सेस पर यहाँ टिप्पणियाँ होंगी,चर्चा हो सकेगी।

Sunday, 3 July 2011

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एक आवश्यक सूचना

आपने साहित्य का विज्ञापन में विनियोग वाला लेख देखा होगा। उसमें लेख के बीच में बड़ा गैप आपको मिलेगा। असल में वहाँ एक विज्ञापन जाना था जो कुछ तकनीकी समस्या की वजह से नहीं जा सका। मैं कोशिश कर रही हूँ कि उसे किसी अन्य फ़ॉर्मेट में भेजूँ। वरना उसी हार्ड-कॉपी आप को सत्र आरंभ होते ही मिल जाएगी। अतः उस विज्ञापन की कल्पना कर के आगे का लेख पढ़ें।

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