मेरे लिए यह बहुत ख़ुशी की बात है कि आपने विज्ञापन बनाने में रुचि ली। भाषा भवन के हिन्दी विभाग की छात्रा हिना कापडिया ने जूठन पर एक विज्ञापन बनाया। यह सामाजिक जागृति से जुड़ा विज्ञापन है। जूठन दलितों के प्रति अत्याचार और उनके संघर्ष को उद्घटित करती आत्मकथा है। इसमें निहित चुनौति का स्वर विज्ञापन में आया है। सवर्णों के दलितों के प्रति व्यवहार को हिना ने एक चित्र के द्वारा स्पष्ट किया है।
बधायी हिना कि तुम अब इस फॉर्मेट में काम कर रही हो।
इस निज्ञापन का विस्तृत आकार ब्लॉग में नीचे की ओर दिया है। आप स्क्रॉल करेंगे तो उस विज्ञापन को देख पाएँगे।
पुनः बधायी
धन्यवाद मेम, आप के सहयोग से ही में ये विज्ञापन बना पाई हु |
ReplyDeleteaapne mere tippani ka utar diya ijske liye aapka dhanyavad me hindi me anusnatak kar rahi hu or aapka blog hrroj padti hu ijsse hume apne padhai me shayata milti he
ReplyDeletemedam hume paper 503 ke unit 2,3,4,5 ko samajne me aapki shayta chiye jese excel me hindi sahitya ki upyogita aadi
aruna
आप जहाँ पढ़ती हैं वहाँ के आपके अध्यापक से आप बात कर सकती हैं। आप के पाठ्यक्रम में कुछ संदर्भ पुस्तकों का उल्लेख भी है।
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