मुझे उम्मीद है कि आपने अब तक विज्ञापन वाला लेख पढ़ लिया होगा। विज्ञापन के संदर्भ में आप नेट पर ITpedia में तथा 'भारतीय पक्ष' नामक साईट पर जाएं तथा और सामग्री प्राप्त करें। अगर इसके अलावा आपको कुछ मिले तो आप अपनी सूचना को अन्यों के साथ इस ब्लॉग पर बाँट सकते हैं। सेमिस्टर-3 के संदर्भ में कुछ प्रश्न आपके मन में और होंगे। मसलन HIN505EC के कोर्स के संदर्भ में । आगर आपके केन्द्र में तुलनात्मक साहित्य का विकल्प है तो आपको इसमें केवल दो कांड ही पढ़ने हैं। बालकांड तथा अयोध्या कांड। यानी कि रामचरित मानस के दो कांड एवं कम्ब रामायण के दो कांड। तुलनात्मक साहित्य के सैद्धांतिक प्रश्नों के अलावा आपको टैक्स्ट के जो सवाल करने होंगे उसमें ये दोनों कांड ही रहेंगे। यूं तो पूरा कंब रामायण बहुत रोचक है, पर हम छः महिने के सेमिस्टर में बहुत अधिक तो नहीं पढ़ सकते। फिर आप अपनी इच्छा से पूरा पढ़ सकते हैं। किंतु परीक्षा में तो केवल दो कांड ही आएंगे। मुझे विश्वास है आप सबने राहत की साँस ली होगी।
एक बात और मैं आपको बताना चाहती हूँ। अब तक आपने दो सेमिस्टर का अध्ययन कर लिया है। यूं तो अब इस नयी पद्धति से आप वाकिफ़ हो गए होंगे। पर मैं आपको याद दिलाना चाहूँगी और इस याद दिलाने के बहाने हमारे नए विद्यार्थियों को भी बताना चाहती हूँ कि आप इस बात को गाँठ में बाँध लें कि हम जब परीक्षा में लिखते हैं तो अगर यह पूछा जाए कि प्रश्न का उत्तर 200 शब्दों में देना है तो इसका मतलब 200 शब्द ही। अधिक से अधिक 250 तक की आपको छूट है। आप कितना भी सही और अच्छा लिखें पर अगर 400,600 शब्दों में लिखते चले जाएंगे तो आपको अच्छे अंक नहीं मिलेंगे। अब वह समय गया जब जितने ज्यादा पन्ने उतने ज्यादा अंक मिलते थे। आप सूचना का पालन करते हुए अगर लिखेंगे तो यह आदत आपको नेट, स्लेट की परीक्षा तथा अन्य स्पर्धात्मक परीक्षाओं में काम आएगी। वहाँ तो उत्तर लिखने के लिए एक निश्चित स्थान दिया जाता है, जिसमें आपको लिखना होता है। हमारे यहाँ चूँकि स्थान की बाध्यता नहीं है, अतः हम अपने उत्तर को फैलाने की छूट ले लेते हैं।
HIN501 के कोर्स में यूनिट चार तथा पाँच दोनों में उपन्यास छप गया है। परन्तु एक में उपन्यास है तो दूसरे में कहानी है, यह सुधार आप कर लें।
बस, आज के लिए इतना ही।
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