जिन खोजा तिन पाइयां

इस ब्लॉग में विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं के उत्तर देने की कोशिश की जाएगी। हिन्दी साहित्य से जुड़े कोर्सेस पर यहाँ टिप्पणियाँ होंगी,चर्चा हो सकेगी।

Tuesday, 17 January 2012

जिन खोजा तिन पाइयां शीघ्र ही एक नई पहल करने जा रहा है। आप सभी इस पहल में शामिल होने के लिए निमंत्रित हैं। जैसे मैंने समझा-इस शीर्षक के अन्तर्गत लिखने के लिए  आपको निमंत्रण है। कोई नई किताब जो आपने पढ़ी हो और आप उसे किन कारणों से पसंद करते हैं तथा औरों को पढ़ने के लिए ज़रूरी समझते हैं- यह आपको उसमें लिखना है। नई किताबें हों अथवा कोई चर्चित, अचर्चित पुरानी किताब भी हो तो आप उसके विषय में लिख सकते हैं। यह सच है कि कई बार किताबें हमसे बहुत देर से बोलती हैं। किताबें आपसे कब बोलने लगें ,इसका कोई तय नहीं होता। पर जब आप सुनने के लिए तैयार होते हैं तब किताबें आपसे बोलती हैं। जब वे बोलें और आप सुनें तो हमें भी इसकी जानकारी दीजिए। 
                                   तो इस नए अभियान में आपकी सहभागिता हमें प्रीतिकर लगेगी। 

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