जिन खोजा तिन पाइयां

इस ब्लॉग में विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं के उत्तर देने की कोशिश की जाएगी। हिन्दी साहित्य से जुड़े कोर्सेस पर यहाँ टिप्पणियाँ होंगी,चर्चा हो सकेगी।

Saturday 31 March 2012

प्रश्न बैंक 508


HIN508
इस कोर्स का चौथा और पाँचवा यूनिट जिसमें शोध प्रविधि तथा शोध पत्र लेखन का सैद्धांतिक पक्ष है जो कई लोगों के लिए समस्या खड़ी करने वाला है , ऐसा मुझ तक जो बातचीत आई, उससे मैंने अनुमान लगाया। हालाँकि जो पावर पॉइंट मैंने डाले हैं उससे अधिक समस्या होनी तो नहीं चाहिए। परन्तु जो हो, मैंने शोध-प्रविधि वाले यूनिट के संबंध में एक क्वेश्चन बैंक जैसा कुछ इस पोस्ट में  डाला है। इससे आपको यह दिशा निर्देशन मिल सकता है कि इसमें आपको किस तरह की तैयारी करनी होगी। शोध पत्र लेखन वाले यूनिट पर प्रश्नबैंक अगली पोस्ट में डालूंगी। आप अपनी प्रतिक्रिया दें। आपने पिछले पोस्ट संबंधी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
200 शब्दों के प्रश्न
1.      अन्य लेखन की तुलना में शोध लेखन की शैली किस तरह भिन्न होती है, समझाएं।
2.      शोध प्रबंध लेखन में सानुपातिकता होनी चाहिए- इससे आप क्या समझते हैं.?
3.      शोध-प्रक्रिया की दृष्टि से शोध प्रविधि के तत्वों पर प्रकाश डालिए।
4.      शोध व्यवस्था की दृष्टि से शोध प्रविधि के तत्वों पर प्रकाश डालिए।
5.      ज्ञान के विषयों के आधार पर शोध-प्रविधि में क्या अंतर है, समझाएं।
6.      "ज्ञान के विभिन्न विषयों में प्रकृति तथा स्वरूप में ही अंतर नहीं होता अपितु उनकी शोध-प्रविधि में भी अंतर होता है"- इस विधान को समझाएं।
7.      साहित्यक शोध में समाजशास्त्र, विज्ञान तथा मनोविज्ञान की प्रविधि के प्रयोग का क्या तात्पर्य है, उदाहरण दे कर समझाएं।
8.      हिन्दी शोध प्रबंधों की प्रचलित शौलियों पर विचार करें।
9.      "शोध प्रविधि की वैज्ञानिकता साहित्य के प्राणतत्व रस का विरोध तथा उन्मूलन नहीं करती अपितु रक्षा करती है" इस विधान को समझाएं।
50 शब्दों के प्रश्न
1.      शोध प्रबंध का भूमिका लेखन।
2.      शोध प्रबंध का निष्कर्ष  लेखन।
3.      शोध प्रबंध में ग्रंथ सूची का महत्व।
4.      शोध प्रबंध में नामानुक्रमणिका का तात्पर्य।
5.      शोध प्रबंध का मूल भाग।
6.      सामग्री संकलन।
7.      शोध प्रबंध मे विषय निर्वाचन का महत्व।
8.      शोध प्रबंध में परिशिष्ट का महत्व।
9.      शोध प्रबंध लेखन में लिए गए तथ्यों का स्वरूप।
10.  शोध-प्रबंध लेखन में वैयक्तिक तथा निर्वैयक्तिक शैलियों का तात्पर्य समझाएं।
11.  आलोचनात्मक प्रविधि।
1 अथवा 2 वाक्यों के प्रश्न
1.      क्या शोध-व्यवस्था शोघ प्रविधि का पर्याय है?
2.      शोध व्यवस्था में वे कौन से मुद्दे हैं जो शोध-प्रविधि कहे जा सकते हैं?
3.      अज्ञान अथवा विस्मृति के कारण अवशिष्ट शोध-तत्व किसमें समाहित किये जा सकते हैं?
4.      भूमिका लेखन , प्रबंध लेखन तथा निष्कर्ष के बीच किस तरह का संबंध होना चाहिए?
5.      शोध-प्रक्रिया किसे कहते हैं?
6.      शोध प्रक्रिया में किस तरह की दृष्टि उसे शोध-प्रविधि कह सकते हैं?
7.      ग्रंथ-सूची की वैज्ञानिकता का क्या तात्पर्य है?
8.      शोध लेखन का विश्वविद्यालय चयन से क्या संबंध है?
9.      सामग्री का विश्लेषण करते समय शोधक में  तटस्थता की आवश्यकता क्यों होनी चाहिए?
10.  तथ्य समायोजन करते समय वैज्ञानिकता की क्या आवश्यकता है?
11.  तथ्यों का समायोजन करते हुए उनकी परिशुद्धि कर के सत्यापन करने की आवश्यकता क्या है?
12.  ग्रंथ सूची कब शोध प्रविधि का अंग बनती है?
13.  ज्ञान के विभिन विषयों की प्रकृति तथा स्वरूप के अलावा और किस में अंतर होता है?
14.  साहित्य तथा भाषा शोध में किस प्रविधि का प्रयोग होता है?
15.  शोध-प्रबंध के लिए कौन-सी शैली अनुपयुक्त तथा अवैज्ञानिक मानी जाती है?
16.  शोध प्रबंध की कौन-सी शैली आगमनात्मक तथा कौन-सी निगमनात्मक कहलाती है?
17.  वैज्ञानिक शोध-प्रविधि का क्या अर्थ है?