जिन खोजा तिन पाइयां

इस ब्लॉग में विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं के उत्तर देने की कोशिश की जाएगी। हिन्दी साहित्य से जुड़े कोर्सेस पर यहाँ टिप्पणियाँ होंगी,चर्चा हो सकेगी।

Tuesday 27 September 2011

बेनामी के प्रश्न का उत्तर

कोर्स 506S में मिथक के संदर्भ में काम करना सरल है। कोर्स 502 में आपको मिथक के बारे में पआ कि आप ढ़ाया होगा। इसका मतलब यह हुआ कि मिथक की परिभाषा , स्वरूप और काव्य में वह किस प्रकार अर्थ और सर्जनात्मकता में मददरूप होता है इसकी जानकारी तो आपको उस कोर्स में मिल गयी होगी। सेमीनार के कोर्स में आप को किसी एक गद्य एवं पद्य कृति को चुनकर यह बताना है कि मिथक केप्रयोग से उस कृति में क्या विशेष बात जुड़ जाती है। इसके लिए ज़रूरी नहीं है कि आपको कोई नयी कृति ही लेनी होगी। पिछले वर्ष आप कामायनी पढ़ चुके हैं। आप कामायनी के उदाहरण से भी अपनी बात कर सकते हैं। अथवा रामायण महाभारत पर आधारित कोई भी आधुनिक कविता , उपन्यास कहानी आदि को ले सकते हैं। उदाहरण के लिए आप नरेश मेहता की कोई प्रबंध कृति लेंगे तो आपको बताना है कि उसमें मिथक होते हुए , बल्कि मिथक होने के कारण आधुनिक बोध को कवि कितने बेहतर ढंग से प्रकट कर पाया है। इसके विपरीत आप किसी ऐसी कृति का उदाहरण भी ले सकते हैं जिसमें मिथक का विनियोग ठीक से नहीं हुआ है। इस पाठ्यक्रम में यह मुद्दा रखने का आशय यही है कि आपने जो अभ तक पढ़ा है उसे आप सही अर्थों में किस तरह समझ सके हैं। फिर आफको कोई बहुत लंबी कथा कहानी नहीं लिखनी। आपको तो एख-डेढ़ पृष्ठ में उस मिथक की समझ और कृति में उसके विनियोग के बारे में ही लिखना है। आपको यह पता ही है कि इस बार सेमीनार के कोर्स में पाँचों चीज़ों को आपको लिख कर देना है। परन्तु ये सभी आपके पाठ्यक्रम में अन्य कोर्स में तो पढ़ायी ही जा चुकी हैं। इसमें नया कुछ नहीं करना है।

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